वरिष्ठ पत्रकार राजेश कोछड़
आज युवा पीढ़ी विदेश जाने के लिए बहुत उत्सुक है लेकिन दूसरी ओर उनका भोलेपन और उनकी मजबूरी पर भारी पड़ रहा है। क्योंकि कई इमीग्रेशन वाले इनसे बड़ी राशि वीजा लगवाने के नाम पर बटोरते हैं।यहां तक कि कई इमीग्रेशन वाले तो काम करना भी नहीं जानते और न ही उनकी फाइल खंगालते हैं। बस वीजा लगाने का झूठा जासा देकर उनको अपने जाल में फसा लेते और लोग वीजा लगने के बहकावे में आकर इमीग्रेशन वालों को बड़ी रकम दे देते हैं इनमें कई लोग तो रकम ब्याज पर लेकर या कोई चीज गिरवी रखकर इन लोगों को देते हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार इमीग्रेशन चलाने वाले रकम को आगे ब्याज पर देकर मोटा ब्याज खाते हैं। वहीं दूसरी और कई वीजा लगवाने वाले लोग जब इन इमीग्रेशन वालों से अपने वीजा के बारे में पूछते हैं तो उनसे तरह-तरह के झूठ बोले जाते हैं। जब वीजा लगाने वाला इमीग्रेशन वालों को फोन कर -कर करके और बार-बार चक्कर लगाता है और यह इमीग्रेशन वाले ना फोन उठाते हैं। और न ही उनको इमीग्रेशन सेंटर में मिलते हैं। और बार-बार पूछने पर उनका स्टाफ की तरफ से उन्हें बुरा भला जाता है। जब निराश होकर लोग इमीग्रेशन वालों से अपना दिया हुआ पैसा मांगते हैं तो इमीग्रेशन सेंटर वालों द्वारा रखे गए बाउंसर और बदमाश उन्हें धमकाते हैं। जब रकम लेनी होती है तो इन इमीग्रेशन सेंटरो के मालिक सामने आते हैं और रकम लेने के बाद ना उनका फोन उठाते हैं ना ही उनसे मिलते हैं इमीग्रेशन सेंटर वालों ने राजनीतिक लोगों व पुलिस वालों से भी नजदीकियां बनाई हुई है। और इमीग्रेशन के मालिक भी कमर पर रिवाल्वर आदि रखकर ग्राहकों पर दबिश डालते हैं।वीजा लगवाने वाले युवक तो यह सोचते हैं कि विदेश जाकर पैसा कमा कर ब्याज पर लिया हुआ कर्ज वापिस कर देंगे 6 महीने बाद भी वीजा न लगने पर आखिर में लोग परेशान होकर मानसिक तौर पर परेशान हो जाते हैं और मजबूरन आत्महत्या का कदम उठा लेते हैं। क्योंकि उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं होती। जब कोई समाजसेवी या सामाजिक कार्यकर्ता उनसे बात करता है तो उसे भी बुरा भला कहा जाता है इमीग्रेशन वाले कहते हैं कि हमारा तो इस वीजा केस पर चार-पांच लाख रुपए खर्चा आ चुका है।और बाकी बची रकम आपको किस्तों में वापस कर देंगे और मजबूरन लोग मान जाते हैं और उन्हें थोड़ी-थोड़ी करके रकम चार-पांच लाख काट कर दे दी जाती है सरकार प्रशासन और इनकम टैक्स विभाग को जागना चाहिए और इन लोगों के ऊपर के सख्त कार्रवाई करके लोगों को इनके चुगल से बचाना चाहिए। इमीग्रेशन वालों ने अपने अलग-अलग नाम पर दो-दो तीन-तीन सेंटर साथ साथ खोल रखे हैं। प्रशासन को चाहिए कि इमीग्रेशन सेंट्रो वालो द्वारा रखे बाउंसरों को हटाना चाहिए अगर किसी इमीग्रेशन वाले को खतरा है तो वह पुलिस को लिखकर दे । लोग इतने इतने बड़े-बड़े व्यापार करते हैं पर इन इमीग्रेशन सेंटर वालों की तरह कोई भी बाउंसर नहीं रखता और वीजा लगवाने बालों से कई तरह के फार्मो व खाली कागजों पर पर हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं। और वसूली गई रकम की किसी तरह की कोई रसीद नहीं दी जाती। एक व्यक्ति ने दो दो तीन तीन कंपनियां खोल रखी हैं। और इमीग्रेशन वालों द्वारा वीजा लगाने वाले लोगोंसे इमीग्रेशन वालोंके फेसबुक पेज या अन्य सोशल मीडिया पर कमेंट डालने पर लाखों रुपए जुर्माना के कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं। ।और इन इमीग्रेशन वालों को डबल फायदा होता है क्योंकि लोग डर के मारे इनके फेसबुक पेज और सोशल मीडिया पर कुछ नहीं डालते। अक्सर ऐसे गलत इमीग्रेशन वाले ज्यादातर फेसबुक पर सरगर्म रहते हैं और लोगों के मोबाइल फोन को भी रिसेप्शन पर ही ले लिया जाता है।यह लोग लोगों के अधिकारों का हनन करते हैं। ऐसे गलत काम करने वाले लोग सही काम करने वाले इमीग्रेशन वालों का भी अक्स भी खराब करते हैं इनके विरुद्ध सख्त से सख्त करवाई होनी चाहिए
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Gautam Jalandhari (Editor)