‘‘हमारा इतिहास अतुल्य बलिदानों और शहादतों से भरा हैं जिनमें से नौवें पातशाह श्री गुरु तेग़ बहादुर जी का समूचा जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। हमें गुरू साहिबान के जीवन और शिक्षाओं से सीख लेकर उनकी तरफ से दर्शाऐ हुए मार्ग पर चलने की ज़रूरत है।’’ यह बात शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने आज यहाँ चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग की तरफ से श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित करवाए सह-शैक्षिक मुकाबलों के विजेताओं को इनाम बाँटने के मौके पर संबोधन करते हुये कही।
स. परगट सिंह ने शिक्षा विभाग को न्योता दिया कि महान शख्सियतों से सम्बन्धित ऐतिहासिक दिवस के मौके पर स्कूली बच्चों को इन महान शख्सियतों के जीवन के बारे अवगत करवाया जाये जिससे आने वाली पीढ़ी अपनी अमीर विरासत से अवगत हो सके। गुरू साहिबान की दूरअन्देशी सोच, इंसानियत का संदेश, समर्पण भावना और बलिदान से हमें सीखने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से करवाए यह सह -शैक्षिक मुकाबलों का मनोरथ श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की बाणी, बलिदान, शिक्षाओं और उद्दश्यों को घर-घर पहुँचाना था।
शिक्षा मंत्री ने अपने जीवन में अपने अध्यापकों की तरफ से मिली सीख को याद करते हुये कहा कि देश के निर्माण में सबसे अधिक योगदान अध्यापकों का होता है जो निःस्वार्थ दूसरों का भविष्य बनाने के लिए हर समय पर तत्पर रहता है। उन्होंने कहा हर विद्यार्थी में कोई न कोई छिपी हुई प्रतिभा होती है, बस सिर्फ़ ज़रूरत होती है इसको पहचान कर निखारने की। यह काम अध्यापक ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को समय का साथी बनाना ही आज की शिक्षा का मुख्य लक्ष्य है।
स. परगट सिंह ने समूह शिक्षा अधिकारियों, स्कूल मुखियों, अध्यापकों को इस बात की बधाई दी कि उन्होंने कोविड के बुरे दौर में आनलाइन मुकाबले करवा के गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मामलों के हल के लिए वह सकारात्मक रवैये के साथ काम कर रहे हैं और जो कोई भी वाजिब माँगों का हल हो सकता है, वह किया जा रहा है। उन्होंने ज़िला शिक्षा अफसरों को कहा कि विभाग से सम्बन्धित जिन मामलों का हल जमीनी स्तर पर हो सकता है, उनको वह अपने स्तर पर करें।
इससे पहले संबोधन करते हुये डायरैक्टर जनरल स्कूल शिक्षा प्रदीप कुमार अग्रवाल ने कहा कि कोरोना संकट के कारण यह सह शैक्षिक मुकाबले आनलाइन करवाए गए जिनमें रिकार्ड 2,85,973 विद्यार्थियों ने 11 नमूनों में हिस्सा लिया। इन विद्यार्थियों में शब्द गायन, गीत गायन, कविता उच्चारण, भाषण मुकाबला, यंत्र वादन, पोस्टर मेकिंग, पेंटिंग, स्लोगन लिखन, सुलेख, पीपीटी मेकिंग और पगड़ी बाँधने की रस्म मुकाबले करवाए जो कि करीब पाँच महीने चले।
डी.पी.आई. (सेकंडरी शिक्षा) श्री सुखजीत पाल सिंह ने संबोधन करते हुये कहा कि आज राज्य स्तरीय समागम के दौरान हर कैटेगरी में से पहला इनाम हासिल करने वाले विद्यार्थी को एक टेबलैट, 1100 रुपए नकद और श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की तस्वीर भेंट की गई। दूसरा स्थान हासिल करने वाले हरेक विद्यार्थी को मोबाइल फ़ोन, 1100 रुपए और श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की तस्वीर प्रदान की गई। 1.4 लाख रुपए की नकद राशि समेत कुल 11.30 लाख रुपए के इनाम दिए गए।
एस.सी.ई.आर.टी. के डायरैक्टर डा. जरनेैल सिंह कालेका ने बोलते हुये कहा कि इन मुकाबलों में शामिल अलग-अलग नमूनों की पेशकारियों के द्वारा स्कूली विद्यार्थियों ने गुरू साहिब के प्रति अपनी श्रद्धा का प्रगटावा किया। स्कूली विद्यार्थियों के सेकंडरी, मिडल और प्राइमरी वर्गों के अलग-अलग मुकाबले करवाए गए। विभाग की मीडिया टीम ने इन मुकाबलों का अलग-अलग मीडिया प्लेटफामर्ज़ पर बढ़िया तरीके से प्रचार /प्रसार किया।
स्वागती शब्द बोलते हुये डॉ. सुखदर्शन सिंह चहल ने कहा कि विशेष ज़रूरतों वाले विद्यार्थियों के मुकाबले भी अलग तौर पर करवाए गए जिनमें 2929 विद्यार्थियों ने शमूलियत की।
मंच संचालन करते हुये अमरदीप सिंह बाठ ने बताया कि राज्य स्तरीय मुकाबलों से पहले ज़िला स्तर पर पहली पाँच पुज़ीशनों पर रहने वाले विद्यार्थियों को क्रमवार 2000, 1500, 1000, 500-500 रुपए के नकद इनाम दिए गए थे। यह राशि कुल 5.3 लाख के करीब बनती थी। सह-शैक्षिक मुकाबलों पर समूचे रूप में 76.97 लाख रुपए खर्च किए गए।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजेता बच्चों की सुलेख, पेंटिंग की लगाई प्रदर्शनी से बहुत प्रभावित हुए। वह सरकारी प्राइमरी स्कूल, कालबंजारा (संगरूर) के होनहार विद्यार्थी जश्नदीप सिंह को विशेष तौर पर मिले। जश्नदीप के चाहे हाथ नहीं हैं परन्तु इस बच्चे ने अपने पैरों के साथ अनूठी प्रतिभा का प्रगटावा करते हुये सुलेख और पेंटिंग में इनाम जीत कर बाकियों के लिए मिसाल पैदा की। समागम की शुरुआत शब्द गायन के विजेता विद्यार्थियों नवनीत कौर और निशान सिंह की तरफ से किये शब्द गायन के साथ हुई। छात्रा खुशप्रीत कौर ने जोशीली कविता सुनाई।
इस मौके पर डी.पी.आई. (एलिमेंट्री शिक्षा) हरिन्दर कौर, सहायक डायरैक्टर गुरजीत सिंह, समूह ज़िला शिक्षा अधिकारी, ज़िला नोडल अधिकारी, सम्बन्धित स्कूल प्रमुख और विद्यार्थी उपस्थित थे।
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Gautam Jalandhari (Editor)